परिचय
ध्रुवदास, भारतीय संत और सुफी कवि, भक्ति आंदोलन के उज्जवल सितारों में से एक माने जाते हैं। उनका जन्म सन् 1479 में गुजरात के एक समृद्ध व्यापारी परिवार में हुआ था। ध्रुवदास ने समाज में धर्मिक सामर्थ्य और मानवीय संदेश को प्रोत्साहित किया और उनकी कविताएँ आत्मविश्वास, प्रेम, और दैनिक जीवन के महत्त्व को बताती हैं।
ध्रुवदास के काव्य उनकी आत्मा की खोज में गहराई से जुड़े हैं और उनके शब्दों में भक्ति और समझौते का संदेश होता है। उनकी कविताओं में ध्यान, साधना, और दिव्यता के माध्यम से मनुष्य को उसकी अंतरात्मा के साथ जोड़ने का प्रेरणा स्वरूप होता है।
जीवनी
ध्रुवदास का जन्म गुजरात के अहमदाबाद के पास स्थित धरमपुर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता श्री रामदास जी एक समृद्ध व्यापारी थे। उन्होंने अपनी यात्रा में सूफी धर्म के उदारता और हिंदू धर्म की भक्ति को समाहित किया।
ध्रुवदास ने अपनी कविताओं में विविधता को मानवीयता का अभिव्यक्ति माना और उन्होंने भगवान के प्रति अपनी अनुभूतियों को साझा किया। उनकी कविताएँ भक्ति, समझौते, और प्रेम के संदेश को प्रस्तुत करती हैं, जो मानवता के मूल्यों को समझाने और संरक्षित करने में मदद करते हैं।