परिचय
बिहारीदास भारतीय संत, साहित्यकार, और कवि थे। उनका जन्म सन् 1595 में ब्रिजभूमि, जो आजकल उत्तर प्रदेश में है, में हुआ था। वे कृष्ण भक्ति काव्य के महान कवि माने जाते हैं। उनके रचनात्मक काव्य ने भारतीय साहित्य को एक नया आयाम दिया और उन्होंने भक्ति और प्रेम के संदेश को उन्हीं की कविताओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।
बिहारीदास की कविताओं में प्रेम, भक्ति, और जीवन के गंभीर तत्त्वों को सरलता से प्रस्तुत किया गया है। उनकी रचनाएँ गोपीयों और कृष्ण के प्रेम के विषय में उनकी अनुभूतियों को व्यक्त करती हैं। उनकी कविताएं भावनात्मक, संवेदनशील, और मनोहारी होती हैं, जो सुनने वाले का मन मोह लेती हैं।
जीवनी
बिहारीदास का जन्म समृद्ध गौर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके बाल्यकाल का जीवन विवाह, परिवार, और समाजिक सम्बन्धों में गुजरा। उन्होंने बृज भाषा में कृष्ण भक्ति के लिए अनेक प्रेम कविताओं की रचना की जो उनके काव्य की प्रमुखता बनी।
बिहारीदास की कविताएं उनके समय के साहित्य में बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जाती हैं। उनके काव्य में उन्होंने भक्ति, प्रेम, और जीवन के वास्तविकताओं को सरलता से व्यक्त किया। उनकी रचनाएँ विशेष रूप से प्रेम और भक्ति की भावना को निकालती हैं और उन्होंने इसे उन्हीं की कविताओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।