श्री कृष्ण पदावली

Your Divine Journey Begins Here

परमानंददास

परमानंददास

परिचय

परमानंददास, भारतीय संत और भक्तिकालीन कवि थे। उनका जन्म सन् 1484 में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट नगर में हुआ था। परमानंददास ने अपनी कविताओं में भक्ति के ऊँचे तत्त्वों को उकेरा और समाज में सच्ची प्रेम और भगवान की उपासना को महत्त्व दिया। उनकी कविताएँ भागवत कथाओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित थीं और उन्होंने लोगों को भगवान के प्रति अपनी अटल भक्ति का संदेश दिया।

परमानंददास की कविताओं में उन्होंने भक्ति और प्रेम के साथ-साथ समाज में न्याय की बात की। उन्होंने अपने काव्य में मानवता, समाजसेवा, और सच्चे धर्म के सिद्धांतों को प्रोत्साहित किया। परमानंददास की कविताएँ भारतीय संस्कृति के अनुसार ध्यान और प्रेम की महत्ता को सिद्ध करती हैं।

जीवनी

परमानंददास का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके जीवन के बारे में सटीक जानकारी मान्यताओं के द्वारा उपलब्ध नहीं है। वे संत रविदास के समकक्ष थे और उनके साथ साहित्यिक विचार-विमर्श करते थे।

परमानंददास की कविताओं में उन्होंने समाज में सामाजिक असमानता को उठाने का संदेश दिया और अवसरों के बराबरी का मानवाधिकार को प्रमोट किया। उनकी कविताओं में भगवान की प्रेम, भक्ति, और सामाजिक न्याय की महानता उजागर होती है।

परमानंददास के रचनाकारी योगदान को समाज में महत्त्वपूर्ण माना जाता है और उनकी कविताएँ आज भी भारतीय संस्कृति और साहित्य के अनमोल भंडार के रूप में जानी जाती हैं।

रचनाएँ