परिचय
रसखान, एक प्रमुख भक्ति कवि और संत, भारतीय साहित्य के एक महान व्यक्तित्व के रूप में माने जाते हैं। उनका जन्म सन् 1533 में उत्तर प्रदेश के प्रयाग (अब प्रयागराज) में हुआ था। रसखान के काव्य और भजनों में भक्ति और प्रेम की अद्भुत भावना व्यक्त होती है।
रसखान की रचनाओं में कविताओं का एक विशाल संग्रह शामिल है, विशेष रूप से ब्रज भाषा भाषा में, जो भक्त और भगवान कृष्ण के बीच गहरे भावनात्मक और आध्यात्मिक बंधन को व्यक्त करने पर केंद्रित है।
उन्होंने अपनी कविताओं में भगवान के प्रति अपने उत्कृष्ट प्रेम को व्यक्त किया और उन्हें एक प्रेमी के रूप में चित्रित किया। रसखान की रचनाएं अद्वितीय रूप से भक्ति, प्रेम, और भावनाओं को दर्शाती हैं।
जीवनी
रसखान का जन्म प्रयाग में हुआ था। उनका वास्तविक नाम संत रघुनाथ था, जिन्होंने बाद में अपनी भक्ति कविताओं में अपने गुरु के नाम "रसखान" का उल्लेख किया।
रसखान ने भगवान के प्रति अपनी अनुभूतियों को कविताओं में व्यक्त किया। उन्होंने प्रेम और भक्ति के संदेश को अपनी कविताओं में बखूबी दर्शाया और लोगों को ईश्वर की अनुभूति का मार्ग दिखाया।
रसखान की कविताएँ भक्ति और प्रेम की गहराई में डूबी होती हैं, जिनमें वे प्रेम के विविध रूपों और भावों को व्यक्त करते हैं। उनकी रचनाएँ भक्ति मार्ग के प्रमुख संतों में गिनी जाती हैं और उन्होंने भक्ति आंदोलन को एक नया आयाम दिया।