परिचय
हरिदास, भारतीय संत और कवि, भक्ति मार्ग के प्रमुख संतों में से एक थे। उनका जन्म वर्तमान उत्तर प्रदेश के प्रयाग (इलाहाबाद) शहर में हुआ था। हरिदास ने अपने जीवन को ध्यान, तपस्या और भक्ति मार्ग पर आधारित किया। उन्होंने अपने जीवन को वैष्णव समाज के प्रमुख संतों की शिक्षा और मार्गदर्शन में समर्पित किया।
हरिदास की भक्ति, साधना, और प्रेम के संदेश उनकी कविताओं और गीतों में प्रकट होते हैं। उन्होंने भगवान की प्रेम भक्ति को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाया और सामाजिक रूप से सबको एकता और प्रेम की ओर प्रोत्साहित किया।
जीवनी
हरिदास का जन्म सन् 1478 में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम गंगाधर और मत्ता नामक था। उनके परिवार में वे ब्राह्मण थे, लेकिन हरिदास ने भक्ति मार्ग की शिक्षा लेने के बाद उन्होंने जीवन को समाज में सभी के लिए धर्म और प्रेम का संदेश देने के लिए समर्पित कर दिया।
हरिदास ने अपने जीवन में अनेक तपस्या और साधना के द्वारा भगवान की अनुभूति की। उनके शब्दों में भगवान के प्रति अनन्य भक्ति और प्रेम का संदेश होता है। वे अपने भजनों और कविताओं के माध्यम से समाज को धार्मिक और मानवीय मूल्यों की महत्ता सिखाते रहे।